crypto bitcoin halving क्यू जानना जरुरी है ?
क्रिप्टो बिटकॉइन हॉलविंग एक महत्वपूर्ण घटना है जो हर चार साल में होती है।
हॉलविंग कैसे काम करता है:
बिटकॉइन एक विकेंद्रीकृत क्रिप्टोक्यूरेंसी है, जिसका अर्थ है कि इसका कोई केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है।
हॉलविंग का प्रभाव: crypto bitcoin halving
हॉलविंग से बिटकॉइन की आपूर्ति में कमी आती है।
जब आपूर्ति कम होती है और मांग स्थिर रहती है,
हॉलविंग का इतिहास:
पहला बिटकॉइन हॉलविंग जुलाई 2016 में हुआ था।
इस घटना के बाद, बिटकॉइन की कीमत में काफी वृद्धि हुई, जो $600 से बढ़कर $20,000 हो गई।
हॉलविंग और भारत:
भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी को लेकर बढ़ती दिलचस्पी है।
हॉलविंग घटना भारतीय निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है क्योंकि यह बिटकॉइन की कीमत को प्रभावित कर सकती है।
हॉलविंग का प्रभाव:
crypto bitcoin halving
हॉलविंग से बिटकॉइन की आपूर्ति में कमी आती है।
जब आपूर्ति कम होती है और मांग स्थिर रहती है, तो कीमतें आमतौर पर बढ़ती हैं।
बिटकॉइन के ब्लॉकचेन में एक निर्धारित संख्या में बिटकॉइन होते हैं, जो 21 मिलियन है।एक बार सभी बिटकॉइन खनन हो जाने के बाद, कोई नया बिटकॉइन नहीं बनाया जाएगा।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करना एक उच्च जोखिम वाला प्रस्ताव है।आप अपना पैसा खो सकते हैं, इसलिए निवेश करने से पहले अपना शोध करना महत्वपूर्ण है।