2000 note : अलविदा ! क्यों हुआ बंद?
2000 रुपये का नोट भारत में 8 नवंबर 2016 को ₹500 और ₹1000 के नोटों के विमुद्रीकरण के बाद पेश किया गया था। यह भारतीय मुद्रा का अब तक का सबसे बड़ा नोट था।
2016 में नोटबंदी के बाद 2000 रुपये के नोट ने भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रवेश किया था। उच्च मूल्य वर्ग के नोटों की कमी को दूर करने और काले धन पर लगाम लगाने के लिए इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना गया था।
लेकिन 6 साल बाद, 2023 में, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2000 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला लिया। यह फैसला कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास अभी भी ये नोट थे।
तो, आखिर 2000 रुपये का नोट बंद क्यों किया गया?
यहाँ कुछ मुख्य कारण बताए गए हैं:
उपयोग : 2000 Note
2000 रुपये के नोट को बड़े लेनदेन को सुविधाजनक बनाने और उच्च मूल्य वाले नकदी के भंडार को कम करने के लिए पेश किया गया था। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के लेनदेन के लिए किया जाता था, जैसे कि:
- बड़ी खरीदारी
- संपत्ति लेनदेन
- व्यवसायिक लेनदेन
- बैंक जमा
विशेषताएं: 2000 Note
2000 रुपये के नोट में कई सुरक्षा विशेषताएं थीं जो इसे जालसाजी से बचाने में मदद करती थीं, जिनमें शामिल हैं:
- महात्मा गांधी की छवि
- रंग बदलने वाला सुरक्षा धागा
- माइक्रो-लेटरिंग
- इनकैप्सुलेटेड थ्रेड
- फ्लोरेसेंट पैटर्न
विवाद: 2000 Note
2000 रुपये के नोट को लेकर कुछ विवाद भी हुए थे, जिनमें शामिल हैं:
- काला धन: यह आशंका थी कि 2000 रुपये के नोट का उपयोग काले धन को जमा करने के लिए किया जाएगा।
- नकदी अर्थव्यवस्था: 2000 रुपये के नोट ने नकदी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की चिंता जताई थी।
- एटीएम में कमी: 2000 रुपये के नोटों की शुरूआत के बाद एटीएम में नकदी की कमी हो गई थी।
- कम उपयोग:
• RBI के अनुसार, 2000 रुपये के नोटों का प्रचलन अन्य मूल्य वर्ग के नोटों की तुलना में कम था।
• 2023 में, 2000 रुपये के नोटों का कुल मूल्य कुल मुद्रा आपूर्ति का केवल 1.6% था, जबकि 500 रुपये के नोटों का मूल्य 44.2% था।
• RBI का मानना है कि 2000 रुपये के नोटों की कम मांग के कारण इनकी छपाई और प्रबंधन अनावश्यक रूप से महंगा था।
- जालसाजी का खतरा:
• 2000 रुपये का नोट सबसे अधिक मूल्य वाला नोट था, जिसके कारण जालसाजी का खतरा भी अधिक था।
• RBI का मानना है कि 2000 रुपये के नोट को बंद करने से जालसाजी की घटनाओं को कम करने में मदद मिलेगी। - उच्च मूल्य वर्ग के नोटों की आवश्यकता कम:
• डिजिटल भुगतान में तेजी के साथ, उच्च मूल्य वर्ग के नोटों की आवश्यकता कम हो गई है।
• लोग अब ऑनलाइन लेनदेन, UPI, डेबिट और क्रेडिट कार्ड जैसे माध्यमों से अधिक भुगतान करते हैं।
• RBI का मानना है कि 2000 रुपये के नोट को बंद करने से मुद्रा प्रणाली को अधिक कुशल बनाने में मदद मिलेगी।
चलन से हटाना: 2000 Note
8 नवंबर 2023 को, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की कि 2000 रुपये के नोट को धीरे-धीरे चलन से हटा दिया जाएगा। RBI ने कहा कि यह निर्णय “क्लीन नोट पॉलिसी” के तहत लिया गया था, जिसका उद्देश्य मुद्रा प्रणाली में नकदी की मात्रा को कम करना और जालसाजी को रोकना है।
- 500 रुपये के नोटों की पर्याप्त उपलब्धता:
• 500 रुपये का नोट सबसे लोकप्रिय उच्च मूल्य वर्ग का नोट है।
• RBI का मानना है कि 500 रुपये के नोटों की पर्याप्त उपलब्धता 2000 रुपये के नोट की कमी को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
2000 रुपये के नोट बंद होने का क्या प्रभाव होगा?
• 2000 रुपये के नोटों को 30 जून 2023 तक सभी बैंकों और डाकघरों में जमा किया जा सकता था।
• अब इन नोटों को कानूनी रूप से मान्य नहीं माना जाएगा।
• यदि आपके पास 2000 रुपये के नोट हैं, तो आप उन्हें 30 जून 2023 तक निकटतम बैंक या डाकघर में जमा कर सकते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 2000 रुपये के नोट बंद होने का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
यह कदम मुद्रा प्रणाली को अधिक कुशल और सुरक्षित बनाने के लिए RBI द्वारा उठाया गया एक छोटा सा कदम है।
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