लड़कियों के लिए अब 100 प्रतिशत मुफ्त शिक्षा जीआर सरकार का फैसला: Girls Free Education

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लड़कियों के लिए अब 100 प्रतिशत मुफ्त शिक्षा जीआर सरकार का फैसला: Girls Free Education


लड़कियों के लिए अब 100 प्रतिशत मुफ्त शिक्षा जीआर सरकार का फैसला आज 8 जुलाई 2024 को आया है और इसके माध्यम से अब लड़कियों को 50 प्रतिशत के बजाय 100 प्रतिशत का लाभ दिया जाएगा जिसमें लड़कियों की कॉलेज फीस के साथ-साथ परीक्षा शुल्क भी शामिल होगा % अब लड़कियों की शिक्षा मुफ्त होने जा रही है उच्च शिक्षा विभाग सरकार का निर्णय यहां आप 8 जुलाई 2024 को जारी इस निर्णय का संदर्भ देख सकते हैं

किस श्रेणी की लड़कियों के लिए कौन से पाठ्यक्रम शामिल हैं, यह निर्णय उस स्थान पर लिया गया है, इससे उन्हें क्या लाभ होगा आइए विस्तृत जानकारी लेते हैं, जीआर में परिचय में कहा गया है कि उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग चिकित्सा शिक्षा जिसमें एमबीबीएस बीएचएमएस नर्सिंग शामिल है। उस स्थान पर आदि उसके बाद फार्मास्यूटिकल्स यानी फार्मेसी विभाग जो कि कृषि से संबंधित यानी बीएससी एग्री डिप्लोमा कृषि पशुपालन यानी डेयरी विज्ञान या पशु चिकित्सा डॉक्टरों के बाद का प्रकार है।

लड़कियों के लिए अब 100 प्रतिशत मुफ्त शिक्षा जीआर सरकार का फैसला: Girls Free Education

मत्स्य विभाग के मामले में, वे लड़कियाँ जिन्हें इस विभाग के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थान द्वारा संचालित व्यावसायिक पाठ्यक्रम में केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है, तो जिसमें ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग आर्थिक रूप से कमजोर कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस और सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग यानी एसई बीसी शामिल हैं। वार्षिक पारिवारिक आय की श्रेणी आठ यदि लाख से कम है तो पहले क्या हुआ था पात्र छात्राओं को शिक्षा शुल्क और परीक्षा शुल्क का 50% लाभ दिया जाता है यानी इस जीआर से पहले 50% ओबीसी ईडब्ल्यूएस और

उस स्थान पर एससी बीसी वर्ग की लड़कियों को यह लाभ मिल रहा था, फिर क्या हुआ नई शिक्षा नीति के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा में लड़कियों का प्रतिशत 36% तक सीमित कर दिया गया है ताकि व्यावसायिक शिक्षा में लड़कियों का अनुपात बढ़ाया जा सके और लड़कियों को समान अवसर मिलें शिक्षा एवं महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत आर्थिक सहायता के अभाव के कारण व्यावसायिक पाठ्यक्रम शिक्षा हेतु बालिकाओं को गोद लेने से वंचित न किया जाय इस पर विचार करते हुए 5/7 यानि 5 जुलाई 2024 को शासन की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें इस प्रकार विचार किया गया

अब फैसला हो गया है यह सरकार का जबरदस्त फैसला है किस माध्यम में व्यावसायिक शिक्षा के लिए 100% फीस फ्री अब लड़कियों को मिलेगी क्या है सरकार का फैसला अब देखते हैं कौन से कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद वहां पर होगा सरकारी कॉलेज सरकार सहायता प्राप्त गैर-सरकारी कॉलेज जिसमें सरकारी कॉलेज सहायता प्राप्त हैं इसमें गैर-सरकारी कॉलेज के साथ-साथ आंशिक रूप से सहायता प्राप्त और साथ ही स्थायी रूप से गैर-सहायता प्राप्त कॉलेज, तकनीकी कॉलेज, सार्वजनिक विश्वविद्यालय, सरकार द्वारा अनुमोदित विश्वविद्यालय, निजी और साथ ही स्व-वित्तपोषित विश्वविद्यालय भी शामिल हैं।

केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश, यानी सरकार के सक्षम प्राधिकारी द्वारा आयोजित केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से सार्वजनिक विश्वविद्यालय के तहत उप-केंद्रों में मान्यता प्राप्त अध्ययन पाठ्यक्रम की सीमा, जिसमें प्रबंधन कोटा प्रबंधन कोटा में प्रवेश को बाहर कर देता है। वे छात्र जो लड़कियां हैं जिनकी पारिवारिक आय आठ लाख प्रति वर्ष से कम है, वे पेशेवर हैं यदि आर्थिक रूप से कमजोर अन्य पिछड़ा वर्ग की लड़कियां हैं जो पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले रही हैं, तो वे कौन से पाठ्यक्रमों के लिए पात्र हैं?

उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग यानी इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग डिप्लोमा के लिए मेडिकल शिक्षा यानी बीएमएस बीएचएमएस एमबीबीएस फार्मास्यूटिकल्स विभाग यानी फार्मेसी कृषि बीएससी एग्री एग्री डिप्लोमा पशुपालन विभाग यानी डिग्री से संबंधित पेशे या पशु चिकित्सक डेयरी व्यवसाय के साथ-साथ मत्स्य पालन व्यवसाय तो आम तौर पर 50% ऐसी लड़कियों के लिए शिक्षा शुल्क का 50% लाभ के बजाय अब 100% लाभ दिया जाएगा यह कब से लागू होगा यदि शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से इसे सरकार द्वारा अनुमोदित किया जा रहा है और इसके लिए भी

अब सरकार पर पड़ने वाले 906 करोड़ रुपये के सामान्य वित्तीय बोझ को इस जीआर के माध्यम से मंजूरी दे दी गई है, जिसमें व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए नए और पहले से ही स्वीकृत आवेदन शामिल हैं, जिनकी संख्या संस्थागत और गैर-संस्थागत श्रेणी के तहत 8 लाख से कम होनी चाहिए। महिला एवं बाल विकास विभाग 6/04/2023 में उल्लेखित है

अनाथ लड़के और लड़कियों को भी अनुमति दी जाएगी। सभी प्रशासनिक विभागों को वित्तीय प्रावधानों को संशोधित करना चाहिए और शिक्षा शुल्क और परीक्षा शुल्क लाभ को लागू करते हुए संबंधित प्रशासनिक विभाग के तहत योजना की धनराशि का बजट बनाना चाहिए विभागों को आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग आदेश जारी करने चाहिए, मराठा आरक्षण और सुविधाओं पर कैबिनेट उप-समिति के निर्णय के अनुसार ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आय सीमा मानदंड को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों के समान बनाना बहुत महत्वपूर्ण है।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रस्तावित अनुसार ईडब्ल्यूएस के स्थान पर प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज शिक्षा शुल्क छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभ स्वीकृत करते हुए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के दिनांक 7/10 2017 के शासन निर्णय को निम्नानुसार संशोधित किया जाएगा। प्रमाण पत्र, माता और पिता दोनों की संयुक्त आय माता-पिता की संयुक्त आय पर आधारित हो सकती है।

प्राधिकरण द्वारा जारी प्रमाण पत्र स्वीकार्य होगा। पहले पिता की आय का कोई भी प्रमाण आवश्यक था। अब माता और पिता दोनों की संयुक्त आय लेने पर और यदि वे कामकाजी हैं तो शुल्क में 100% छूट दी जाएगी छात्र, उनकी संयुक्त आय आठ लाख से कम है।

प्रथम वर्ष के लिए राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज शिक्षा शुल्क छात्रवृत्ति योजना प्राप्त करने के बाद, ईडब्ल्यूएस आरक्षण से शैक्षणिक प्रवेश प्राप्त करने वाले छात्रों को उनके पाठ्यक्रम के पूरा होने तक यह रियायत दी जाएगी। बात यह है कि एक बार आय प्रमाण पत्र या आय प्रमाण पत्र होना चाहिए प्रस्तुत है, इसे हर वर्ष करने की आवश्यकता नहीं है। बिन्दु संख्या पांच यह है कि आय

प्रमाण पत्र के मामले में अनाथ बालक-बालिकाओं को संस्थाओं एवं संस्थानों की श्रेणी में शामिल करने हेतु उपरोक्त प्रावधानों को मंजूरी दी जाएगी, जिसके बाद संबंधित प्रशासनिक विभाग को उपरोक्तानुसार अपने शासन निर्णय को संशोधित करना होगा, इसके अलावा अन्य योजना की नियम एवं शर्तें यथावत रहेंगी। उक्त शासन निर्णय 5/7 2024 को कैबिनेट बैठक में दी गई मंजूरी के अनुसार 5 जुलाई 2024 को जारी किया गया है। इसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल के उप सचिव के भी हस्ताक्षर हैं। तो इस बहुचर्चित बहुप्रतीक्षित

जीआर सरकार का यह निर्णय सामने आया है जिसके माध्यम से अब ओबीसी एससी बीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आने वाली लड़कियों को शिक्षा शुल्क और परीक्षा शुल्क का 100% लाभ दिया जाएगा, फिर उन्हें अब इंजीनियरिंग एमबीबीएस सहित उस स्थान पर 100% मुफ्त शिक्षा मिलेगी। बीएचएमएस नर्सिंग फार्मेसी में पशु चिकित्सक, कृषि, मत्स्य पालन और लगभग सभी व्यावसायिक शिक्षा शामिल हैं। यदि आप चैनल पर नए हैं, तो कृपया सदस्यता लें।


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मुलींना आता शंभर टक्के मोफत शिक्षण जीआर आलाय शासन निर्णय आजच आलेला आहे आज आहे 8 जुलै 2024 आणि तो जीआर आलाय याच्या माध्यमातून मुलींना आता 50 टक्के ऐवजी शंभर टक्के लाभ मंजूर करण्यात येणार ज्यामध्ये मुलींची जी कॉलेजची फी असेल त्याचबरोबर परीक्षेसाठी लागणारी फी देखील याच्यामध्ये समाविष्ट करण्यात आलेली आहे 100% आता मुलींचे शिक्षण हे मोफत होणार आहे उच्चतंत्र शिक्षण विभाग शासन निर्णय जे आहे इथे तुम्ही पाहू शकता तर यानुसार हा दिनांक 8 जुलै 2024 ला हा निर्णय निर्गमित करण्यात आलेला आहे संदर्भ यामध्ये कोणते कोणते शिक्षण कोणते कोणते


कोर्सेस त्या ठिकाणी आहेत अंतर्भूत करण्यात आलेले आहेत कोणत्या प्रवर्गातील मुलींसाठी हा निर्णय त्या ठिकाणी काढण्यात आलेला आहे कसा लाभ असणार आहे डिटेल माहिती आपण घेऊयात तत्पूर्वी जीआर मध्ये असलेली प्रस्तावना अशी सांगते की उच्च व तंत्र शिक्षण विभाग वैद्यकीय शिक्षण ज्यामध्ये एमबीबीएस बीएचएमएस या नर्सिंग वगैरे हे त्या ठिकाणी आले त्यानंतर औषध द्रव्य विभाग म्हणजे ज्यात फार्मसी हा जो प्रकार आहेत त्यामध्ये त्यानंतर कृषी रिलेटेड म्हणजे बीएससी ऍग्री डिप्लोमा ऍग्री पशुसंवर्धन म्हणजे डेअरी सायन्स किंवा त्याचबरोबर व्हेटरनरी डॉक्टर्स असतील


मत्स्य विभाग असेल तर या विभागाच्या अधिपत्याखालील शैक्षणिक संस्था द्वारे राबवल्या जाणाऱ्या व्यवसायिक अभ्यासक्रमाला केंद्रीभूत प्रवेश प्रक्रियेद्वारे प्रवेश घेणाऱ्या ज्या काही मुली आहेत मग ज्यामध्ये ओबीसी म्हणजेच इतर मागासवर्ग आर्थिक दुर्बल दुर्बल घटक ईडब्ल्यूएस आणि सामाजिक व शैक्षणिक दृष्ट्या मागास प्रवर्ग म्हणजे एसई बीसी या प्रवर्गातील वार्षिक कौटुंबिक उत्पन्न आठ लाखापेक्षा जर कमी असल्यास पूर्वी काय व्हायचं पात्र विद्यार्थिनींना शिक्षण शुल्क व परीक्षा शुल्काच्या 50% लाभ देण्यात येतो म्हणजे यापूर्वी हा जीआर येण्यापूर्वी 50% ओबीसी ईडब्ल्यूएस आणि


एससी बीसी प्रवर्गातील मुलींना त्या ठिकाणी हा लाभ मिळतच होता मग काय झालं व्यवसायिक शिक्षणामध्ये मुलींचे प्रमाण 36% इतकंच मर्यादित आहे नवीन शैक्षणिक धोरणानुसार व्यवसायिक शिक्षणातील मुलींचे प्रमाण वाढवण्याच्या दृष्टीने व मुली मुलींना समप्रमाणात शिक्षणाच्या व्यापक संधी प्राप्त व्हाव्यात तसेच महिला सक्षमीकरणा अंतर्गत आर्थिक पाठबळा अभावी व्यावसायिक अभ्यासक्रमाचे शिक्षण घेण्यापासून मुली वंचित राहू नये ही बाब विचारात घेऊन सरकारची एक मीटिंग झाली दिनांक 5/7 म्हणजे 5 जुलै 2024 ला एक बैठक झाली आणि त्या विचारांती पुढील प्रमाणे


निर्णय घेण्यात आला आहे आता आहे तो जबरदस्त शासन निर्णय ज्या माध्यमात व्यवसायिक शिक्षणासाठी 100% फी मोफत आता मुलींना मिळणार आहे काय आहे शासन निर्णय तो पाहूयात आता कोणत्या कॉलेजेस मध्ये ऍडमिशन घेतल्यानंतर हा त्या ठिकाणी होईल राज्यातील शासकीय महाविद्यालय शासन अनुदानिदित अशासकीय महाविद्यालय ज्यामध्ये शासकीय महाविद्यालय आहेत अनुदानित अशासकीय महाविद्यालय आहेत त्याचबरोबर अंशतः अनुदानित त्याचबरोबर कायम विनानुदित महाविद्यालय आहेत तंत्रनिकेतने आहेत सार्वजनिक विद्यापीठे शासकीय अभिमत विद्यापीठे खाजगी त्याचबरोबर स्वयं अर्थसाहित्य विद्यापीठे वगळून तर इथे


सार्वजनिक विद्यापीठात अंतर्गत येणाऱ्या उपकेंद्रातील मान्यता प्राप्त अभ्यास अभ्यासक्रमास शासन सक्षम प्राधिकरणामार्फत राबवण्यात येणाऱ्या केंद्रीभूत प्रवेश प्रक्रियेतून म्हणजे कॅप द्वारे जे ऍडमिशन होत आहेत ज्यामध्ये व्यवस्थापन कोट्यातील म्हणजे मॅनेजमेंट कोट्यातील प्रवेश वगळून ज्या काही विद्यार्थी आहेत त्यापैकी ज्या मुलींचं कुटुंबाचे वार्षिक उत्पन्न आठ लाख किंवा त्यापेक्षा कमी आहे अशा व्यवसायिक अभ्यासक्रमांस प्रवेश घेणाऱ्या आर्थिक दृष्ट्या दुर्बल घटकातील इतर मागासवर्गी वर्गातील ज्या काही मुली आहेत तर त्यांना कोणत्या कोणत्या कोर्सेस


साठी उच्च व तंत्र शिक्षण विभाग म्हणजे इंजिनिअरिंग इंजिनिअरिंग डिप्लोमा त्यात वैद्यकीय शिक्षण म्हणजे बीएमएस बीएचएमएस एमबीबीएस औषधी द्रव्य विभाग म्हणजे फार्मसी कृषी बीएससी ऍग्री ऍग्री डिप्लोमा पशुसंवर्धन विभाग म्हणजे त्याचबरोबर डिग्री रिलेटेड व्यवसाय असतील किंवा वेटरनरी डॉक्टर्स असतील दुग्ध व्यवसाय त्याचबरोबर मत्स्य व्यवसाय तर अशा मुलींसाठी साधारणपणे 50% शिक्षण शुल्काच्या 50% लाभाऐवजी आता 100% लाभ देण्यात येणार आहे आता हा कधीपासून लागू होईल तर शैक्षणिक वर्ष 2024-25 पासून याला शासन मान्यता देण्यात येत आहे तसेच यासाठी


आता खर्च येणाऱ्या सरकारला 906 कोटी रुपये इतका साधारणपणे आर्थिक भार त्याला मान्यता आता या जीआर द्वारे देण्यात आलेली आहे आता वरील प्रमाणे शैक्षणिक शुल्क व परीक्षा शुल्क यामध्ये 100% सवलत देण्याचा योजनेचा लाभ घेण्यासाठी एक सगळ्यात महत्त्वाची अट आहे की कौटुंबिक वर्षाचे कौटुंबिक जे उत्पादन आहे तर ते आठ लाखापेक्षा कमी असणे गरजेचे आहे अशा व्यवसायिक अभ्यासक्रमासाठी नवीन प्रवेशित तसेच पूर्वीपासून प्रवेशित असलेल्या अर्जाचे नुतिनीकरण केलेल्या महिला व बाल विकास विभाग 6/04/2023 मध्ये नमूद केलेल्या संस्थात्मक आणि संस्था बाह्य या वर्गवारी मध्ये समाविष्ट


होणाऱ्या अनाथ मुले आणि मुली यांना सुद्धा अनुदेय राहणार आहे सर्व प्रशासकीय विभागाकडून आर्थिक तरतुदी सुधार सुधारित करून सदर योजनेचा निधी हा संबंधित प्रशासकीय विभागाच्या लेखाशीर्षा अंतर्गत अर्थसंकल्पित करण्यात यावा तसेच शिक्षण शुल्क व परीक्षा शुल्क लाभाच्या अंमलबजावणी करता सर्व संबंधित प्रशासकीय विभागाने आवश्यकतेनुसार स्वतंत्र आदेश निर्गमित करावे पुढची ही फार महत्त्वाची आहे मराठा आरक्षण व सुविधा मंत्रिमंडळ उपसमितीच्या निर्णयानुसार ईडब्ल्यूएस प्रवर्गात इतर मागासवर्ग प्रवर्गाप्रमाणे उत्पन्न मर्यादेचे निकष एक समान करण्यात


सामान्य प्रशासन विभागाने प्रस्तावित केल्यानुसार उच्च व तंत्र शिक्षण विभागाच्या 7/10 2017 रोजीच्या शासन निर्णयात खालील प्रमाणे सुधारणा करण्यात येणार आहे आता ईडब्ल्यूएस म्हणजेच मागासवर्गीय त्याचबरोबर मराठा आरक्षणच्या रिलेटेड खाली काही महत्त्वाच्या टीप याच्यामध्ये देण्यात आल्या त्याही समजून घेणे फार गरजेचे आहे आता इथे दिलंय ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रवेश घेतलेल्या विद्यार्थ्यांसाठी राजर्षी छत्रपती शाहू महाराज शिक्षण शुल्क शिष्यवृत्ती योजने अंतर्गत लाभ अनुज्ञ करताना ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्रा ऐवजी आई व वडील दोन्ही पालकांचे एकत्रित उत्पन्नावर आधारित सक्षम


प्राधिकारी यांनी दिलेले प्रमाणपत्र अनुज्ञ राहणार आहे पूर्वी वडिलांचं उत्पन्नाचं जे काही प्रूफ लागायचा आता आई आणि वडील यांचं दोघांचं एकत्रित तथापि जे विद्यार्थी नोकरीत असतील तर त्यांच्या आई-वडील यांच्या उत्पन्नासोबत विद्यार्थ्यांचे उत्पन्न देखील उत्पादन प्रमाणपत्रासाठी विचारात घेण्याला इथे ही गोष्ट लक्षात घेण्यासाठी जे ईडब्ल्यूएस आरक्षणातून ज्यांनी प्रवेश घेतलेला आहे त्यांच्यासाठी आई आणि वडिलांचे एकत्रित उत्पन्न तसेच जर ते विद्यार्थी जॉब करत असतील तर त्यांचे उत्पन्न एकत्रित करून आठ लाखापेक्षा कमी जर भरलं तर 100% सूट फी


मध्ये देण्यात येईल त्यानंतर ईडब्ल्यूएस आरक्षणातून शैक्षणिक प्रवेश घेतलेल्या विद्यार्थ्यास राजर्षी छत्रपती शाहू महाराज शिक्षण शुल्क शिष्यवृत्ती योजनेचा लाभ प्रथम वर्षा करता मिळाल्यानंतर ही सवलत त्याचा अभ्यासक्रम पूर्ण होईपर्यंत आणून राहील शेवटपर्यंत ही ते असणार आहे अशा विद्यार्थ्यांना दुसऱ्या वर्षापासून दरवर्षी उत्पन्न प्रमाणपत्र सादर करण्याची आवश्यकता आहे यामध्ये खूप महत्त्वाची गोष्ट अशी आहे की एकदा उत्पन्नाचा दाखला किंवा उत्पन्नाचा प्रूफ सादर केलं तर दरवर्षी ते करण्याची गरज नाही पाच नंबरचा पॉईंट याच्यामध्ये असा आहे की उत्पन्न


प्रमाणपत्राच्या बाबतीत उपरोक्त तरतुदी संस्थात्मक आणि संस्था या वर्गवारी मध्ये समाविष्ट होण्यासाठी अनाथ मुले व मुली यांना अनुज्ञ करण्यास मान्यता देण्यात येणार आहे त्यानंतर संबंधित प्रशासकीय विभागाने वरील प्रमाणे त्यांच्या शासन निर्णय सुधारणे करावी या व्यतिरिक्त योजनेच्या अन्य अटी व शर्ती कार्य कार्यपद्धती कायम राहतील सदर शासन निर्णय हा 5/7 2024 5 जुलै 2024 रोजी मंत्रिमंडळाच्या बैठकीत दिलेल्या मान्यतेनुसार निर्गमित करण्यात आला आहे महाराष्ट्राचे राज्यपाल यांनी देखील त्या ठिकाणी आहे उपसचिवाचे साईन आहे तर अशा पद्धतीने हा बहुचर्चित बहुप्रतीक्षित असा


हा जीआर शासन निर्णय त्या ठिकाणी आलेला आहे ज्याच्या माध्यमातून आता मुलींना शिक्षण शुल्क व परीक्षा शुल्काचा 100% लाभ मंजूर होणार आहे ज्या मुली ओबीसी एससी बीसी आणि ईडब्ल्यूएस कॅटेगरी मध्ये आहेत तर त्यांच्यासाठी त्या ठिकाणी 100% मोफत आता शिक्षण होणार आहे ज्यामध्ये इंजिनिअरिंग एमबीबीएस बीएचएमएस नर्सिंग फार्मसी त्यात व्हेटरनरी डॉक्टर कृषी मत्स्य विभाग तर अशा जवळपास जे काही व्यावसायिक शिक्षण आहे तर हे सर्व याच्यामध्ये अंतर्भूत आहेत तर नक्कीच कशी वाटली माहिती कमेंटच्या माध्यमातून कळवा चॅनलला नवीन असाल तर जरूर सबस्क्राईब करा


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