Pathogenesis of avian influenza एवियन इन्फ्लुएंजा का रोगजनन

Pathogenesis of avian influenza : पक्षियों और मनुष्यों के लिए खतरा

परिचय:

Pathogenesis of avian influenza

एवियन इन्फ्लुएंजा, जिसे बर्ड फ्लू के नाम से भी जाना जाता है, एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है।

यह वायरस एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस (AIV) के कारण होता है, जो कि ओरथोमाइक्सोविरिडे परिवार का एक RNA वायरस है।

AIV 18 उपप्रकारों में वर्गीकृत होता है, जिनमें से H5 और H7 उपप्रकार मनुष्यों के लिए सबसे अधिक खतरनाक होते हैं।

pathogenesis of avian influenza
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पक्षियों में एवियन इन्फ्लुएंजा का रोगजनन:

  • संक्रमण: AIV संक्रमित पक्षियों के श्वसन स्राव के संपर्क में आने से होता है।

यह संपर्क सीधे संपर्क (जैसे, संक्रमित पक्षी को छूना) या परोक्ष रूप से (जैसे, संक्रमित पक्षी द्वारा दूषित सतहों को छूना) हो सकता है।

  • प्रवेश: AIV वायरस श्वसन मार्ग के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।

वायरस श्वसन उपकला कोशिकाओं से जुड़ता है और उनमें प्रवेश करता है।

  • प्रतिकृति: एक बार कोशिकाओं में प्रवेश करने के बाद, AIV वायरस अपने RNA की प्रतियां बनाना शुरू कर देता है।

यह वायरस कोशिकाओं को नष्ट कर देता है और नए वायरस कणों का उत्पादन करता है।

  • फैलाव: नए वायरस कण संक्रमित कोशिकाओं से निकल जाते हैं और रक्तप्रवाह और लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं।

वायरस फेफड़ों, हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों को संक्रमित कर सकता है।

  • लक्षण: एवियन इन्फ्लुएंजा के लक्षण पक्षी की प्रजाति और वायरस के उपप्रकार के आधार पर भिन्न होते हैं।
pathogenesis of avian influenza
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लेकिन आम लक्षणों में शामिल हैं: Pathogenesis of avian influenza

* बुखार
* खांसी
* सांस लेने में तकलीफ
* भूख न लगना
* सुस्ती
* दस्त
* अंडे देने में कमी  (पक्षीओ मे )
  • मृत्यु: कुछ मामलों में, एवियन इन्फ्लुएंजा घातक हो सकता है।

मृत्यु आमतौर पर फेफड़ों की विफलता या अन्य अंगों की क्षति के कारण होती है। Pathogenesis of avian influenza

मनुष्यों में एवियन इन्फ्लुएंजा का रोगजनन: Pathogenesis of avian influenza

pathogenesis of avian influenza
pathogenesis of avian influenza
  • संक्रमण: मनुष्य AIV संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से संक्रमित हो सकते हैं।

यह संपर्क सीधे संपर्क (जैसे, संक्रमित पक्षी को छूना) या परोक्ष रूप से (जैसे, संक्रमित पक्षी द्वारा दूषित सतहों को छूना) हो सकता है।

मनुष्य संक्रमित पक्षियों के मांस या अंडे खाने से भी संक्रमित हो सकते हैं जो ठीक से पकाए नहीं गए हैं।

  • प्रवेश: AIV वायरस श्वसन मार्ग के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।

वायरस श्वसन उपकला कोशिकाओं से जुड़ता है और उनमें प्रवेश करता है।

  • प्रतिकृति: एक बार कोशिकाओं में प्रवेश करने के बाद, AIV वायरस अपने RNA की प्रतियां बनाना शुरू कर देता है।

यह वायरस कोशिकाओं को नष्ट कर देता है और नए वायरस कणों का उत्पादन करता है। Pathogenesis of avian influenza

  • फैलाव: नए वायरस कण संक्रमित कोशिकाओं से निकल जाते हैं और रक्तप्रवाह और लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं।

वायरस फेफड़ों, हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों को संक्रमित कर सकता है।

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